Sukhashraya Sahayata Kosh Yojana 2023: Online Apply (6,000 अनाथ बच्चे के लिए हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री सुखाश्रय सहायता कोष योजना)

Sukhashraya Sahayata Kosh Yojana:- जिसे सुख आश्रय सहायता निधि योजना के रूप में भी जाना जाता है, राज्य में अनाथ बच्चों के लाभ के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा लागू एक कल्याणकारी योजना है। इस योजना का उद्देश्य अनाथ बच्चों को व्यापक सहायता प्रदान करना है, जिसमें उनकी देखभाल, शिक्षा और समग्र कल्याण शामिल है।

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सुखाश्रय सहायता कोष योजना के तहत अनाथ बच्चों के लिए 101 करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया गया है. इस फंड में मुख्यमंत्री, विधायक, सरकारी अधिकारी और बड़ी कंपनियां दान देंगी। कांग्रेस नेताओं ने एक-एक लाख रुपये दान देने का संकल्प लिया है और भाजपा से भी योगदान देने का अनुरोध किया गया है। राज्य में लगभग 6,000 अनाथ बच्चे हैं जिन्हें इस योजना से लाभ मिलेगा।

Key Features of Sukhashraya Sahayata Kosh Yojana:

Sukhashraya Sahayata Kosh’s founding: राज्य सरकार अनाथ बच्चों की सहायता के लिए सुखाश्रय सहायता कोष नामक एक समर्पित कोष की स्थापना करेगी। इस फंड का उपयोग इन बच्चों के कल्याण से संबंधित विभिन्न खर्चों को कवर करने के लिए किया जाएगा।

Donations: मुख्यमंत्री, विधान सभा के सदस्य (विधायक), ब्यूरो, बड़ी कंपनियां और अन्य हितधारक सुखाश्रय सहायता कोष में योगदान करते हैं। सभी कांग्रेस नेताओं ने एक-एक लाख रुपये का दान दिया और मुख्यमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से भी योगदान देने का आग्रह किया है।

Education Expenses: यह योजना अनाथ बच्चों की शिक्षा से संबंधित सभी खर्चों को कवर करती है। इसमें स्कूल की फीस, किताबें, वर्दी और अन्य शैक्षणिक संसाधन शामिल हैं। सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि अनाथ बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और इंजीनियरिंग, आईआईटी, आईआईएम, बीबीए और एमबीए पाठ्यक्रमों जैसे उच्च शिक्षा के अवसरों तक उनकी पहुंच हो।

Care and Support: सरकार अनाथ बच्चों की समग्र भलाई का ख्याल रखती है। यह आवास, भोजन और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं सहित उनके जीवन-यापन के खर्चों को कवर करता है। इसके अतिरिक्त, यह योजना बच्चों को उनके निजी खर्चों के लिए पॉकेट मनी भी प्रदान करती है।

Traveling and leisure pursuits: सुखाश्रय सहायता कोष योजना अनाथ बच्चों को यात्रा करने और मनोरंजक गतिविधियों में शामिल होने के अवसर प्रदान करती है। सरकार विभिन्न गंतव्यों की सैर और यात्राओं को प्रायोजित करती है, जिससे बच्चों को नई चीजें तलाशने और अनुभव करने का मौका मिलता है।

Scheme Name Sukhashraya Sahayata Kosh Yojana
Implemented By Government of Himachal Pradesh
Objective Provide comprehensive support to orphan children
Fund Allocation 101 crore rupees
Donors Chief Minister, MLAs, government officials, large companies
Education Expenses Coverage School fees, books, uniforms, educational resources
Care and Support Coverage Living expenses, accommodation, food, healthcare
Higher Education Opportunities Engineering, IIT, IIM, BBA, MBA courses
Roaming and Recreational Activities Sponsored outings and trips to various destinations
Eligibility Approximately 6,000 Orphan children who are permanent residents of Himachal Pradesh
Required Documents Aadhaar Card, Permanent Certificate, Income Certificate, Death Certificate of Parents, Bank Account Details, Passport-Size Photograph, Mobile Number
Application Process Online application through the official website

Eligibility Criteria for Sukhashraya Sahayata Kosh Yojana:

1. Permanent Resident of Himachal Pradesh: योजना के लिए पात्र होने के लिए आवेदक को हिमाचल प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।

2. Orphan Children: यह योजना विशेष रूप से उन अनाथ बच्चों के लिए बनाई गई है जिन्होंने माता-पिता दोनों को खो दिया है। इन बच्चों को सुखाश्रय सहायता कोष योजना के तहत सहायता और लाभ प्राप्त करने में प्राथमिकता दी जाती है।

Sukhashraya Sahayata Kosh Yojana Documents Needed:

Aadhaar card: यह पहचान और पते के साक्ष्य के रूप में कार्य करता है।

Permanent Certificate: यह प्रमाणपत्र बच्चे के हिमाचल प्रदेश में स्थायी निवास को स्थापित करता है।

 Income Certificate: बच्चे के अभिभावक या देखभाल करने वाले की वित्तीय स्थिति का आकलन करने के लिए आय प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है।

Death Certificate of Parents: बच्चे के अनाथ होने की स्थिति को सत्यापित करने के लिए उसके माता-पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र आवश्यक है।

Bank Account Details: योजना से संबंधित वित्तीय लेनदेन की सुविधा के लिए आवेदक को अपने बैंक खाते का विवरण प्रदान करना होगा।

Passport-Size Photograph: आधिकारिक रिकॉर्ड के लिए बच्चे की हालिया पासपोर्ट आकार की तस्वीरें आवश्यक हैं।

Mobile Number:  योजना के संबंध में संचार और अपडेट के लिए एक कार्यात्मक मोबाइल नंबर आवश्यक है।

इन दस्तावेजों को सुखाश्रय सहायता कोष योजना के आवेदन पत्र के साथ जमा किया जाना चाहिए।

Apply for the Sukhashraya Sahayata Kosh Yojana, follow these steps:

  • ज्वालामुखी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं, जो योजना के लिए कार्यान्वयन प्राधिकरण है।
  • वेबसाइट पर, सुखाश्रय सहायता कोष योजना के लिए समर्पित अनुभाग खोजें।
  • आवेदन पत्र पर मांगी गई जानकारी सही-सही भरें। सुनिश्चित करें कि आप सभी आवश्यक विवरण प्रदान करें और आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करें।
  • एक बार जब आप आवेदन पत्र भर लें और संबंधित दस्तावेज संलग्न कर लें, तो इसकी सटीकता सुनिश्चित करने के लिए जानकारी की समीक्षा करें।
  • पूरा आवेदन पत्र और दस्तावेज ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से जमा करें।
  • आवेदन जमा करने के बाद आपको एक संदेश या पावती मिलेगी।
  • आवेदन प्रक्रिया के संबंध में किसी भी अपडेट या अतिरिक्त दिशानिर्देशों के लिए आधिकारिक वेबसाइट को नियमित रूप से जांचने या संबंधित अधिकारियों से संपर्क करने की सलाह दी जाती है।

Sukhashraya Sahayata Kosh Yojana Important Links of 

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Sukhashraya Sahayata Kosh Yojana FAQs

Q: सुखाश्रय सहायता कोष योजना क्या है?

Ans: सुखाश्रय सहायता कोष योजना राज्य में अनाथ बच्चों को व्यापक सहायता प्रदान करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा कार्यान्वित एक कल्याणकारी योजना है। इसका उद्देश्य उनकी देखभाल, शिक्षा और समग्र कल्याण को कवर करना है।

Q: योजना को कैसे वित्त पोषित किया जाता है?

Ans: इस योजना को सुखाश्रय सहायता कोष नामक एक समर्पित निधि के माध्यम से वित्त पोषित किया जाता है। इस फंड को मुख्यमंत्री, विधायकों, सरकारी अधिकारियों, बड़ी कंपनियों और अन्य हितधारकों से योगदान मिलता है।

Q: योजना के अंतर्गत कौन से खर्च शामिल हैं?

Ans: यह योजना विभिन्न खर्चों को कवर करती है, जिसमें स्कूल की फीस, किताबें और वर्दी जैसे शिक्षा खर्च शामिल हैं। इसमें रहने का खर्च, आवास, भोजन, स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं भी शामिल हैं, और अनाथ बच्चों के व्यक्तिगत खर्चों के लिए पॉकेट मनी भी प्रदान की जाती है।

Q: क्या उच्च शिक्षा के अवसर योजना द्वारा समर्थित हैं?

Ans: हाँ, इस योजना का उद्देश्य अनाथ बच्चों को उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करना है। इसमें इंजीनियरिंग, आईआईटी, आईआईएम, बीबीए और एमबीए जैसे पाठ्यक्रम शामिल हैं, जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर भविष्य की संभावनाओं तक पहुंच सुनिश्चित करते हैं।

Q: अनाथ बच्चे इस योजना से कैसे लाभान्वित हो सकते हैं?

Ans: अनाथ बच्चे जो हिमाचल प्रदेश के स्थायी निवासी हैं और जिन्होंने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है, वे इस योजना से लाभ पाने के पात्र हैं। वे सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली शैक्षिक सहायता, देखभाल और समग्र कल्याण सहायता का लाभ उठा सकते हैं।

Q: योजना आवेदन दस्तावेजों की आवश्यकता है?

Ans: आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड, स्थायी प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, माता-पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण, पासपोर्ट आकार का फोटो और संचार उद्देश्यों के लिए एक कार्यात्मक मोबाइल नंबर शामिल है।

Q: सुखाश्रय सहायता कोष योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया क्या है?

Ans: आवेदन प्रक्रिया में कार्यान्वयन प्राधिकारी ज्वालामुखी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना शामिल है। आवेदकों को आवेदन पत्र सही-सही भरना होगा, आवश्यक दस्तावेज संलग्न करने होंगे, जानकारी की समीक्षा करनी होगी और पूरा आवेदन ऑनलाइन जमा करना होगा।

Q: कोई इस योजना के बारे में कैसे अपडेट रह सकता है?

Ans: सुखाश्रय सहायता कोष योजना के संबंध में किसी भी अपडेट या अतिरिक्त दिशानिर्देशों के लिए ज्वालामुखी की आधिकारिक वेबसाइट को नियमित रूप से जांचने या संबंधित अधिकारियों से संपर्क करने की सलाह दी जाती है।

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